Recurrent Miscarriage, Investigation and Treatment

             बार-बार क्यों होता है गर्भपात (मिसकैरेज) जानें इसके कारण ?

यदि कोई दंपति बहुत समय से प्रेगनेंसी के लिए ट्राई कर रहा है और ऐसे में प्रेगनेंसी टेस्ट पॉजिटिव आ जाता है तो ऐसे में कपल्स की खुशी का ठिकाना नही रह जाता है। परंतु यही गर्भ गर्भावस्था के प्रारंभिक 20 हफ्तों के अंदर गिर जाता है (मिसकैरेज) हो जाता है। तो यह दुर्भाग्य पूर्ण समय कपल और उसके पूरे परिवार वालों को निराशा में ढकेल देता है। 

आंकड़ो के आधार पर देखा जाए तो 100 महिलाओं में से 16 महिलाओं को गर्भपात हो जाता है जो कि एक बहुत बड़ा चौकाने वाला आंकड़ा है। और इसके साथ ही 10 में से 8 मिसकैरेज गर्भावस्था की पहली तिमाही अर्थात 12 वें सप्ताह के अंदर ही हो जाते है। 

 

कितने प्रतिशत महिलाओं में बार-बार गर्भपात होने की संभावना होती है ? What percentage of women are likely to have recurrent miscarriages?

बार-बार गर्भपात होने वाली महिलाओं की बात की जायें तो इनकी औषत दर 2 प्रतिशत के करीब है। अर्थात 100 महिलाओं में से 2 महिलाएं ऐसी भी हो जिनका बार-बार गर्भपात हो जाता है। जो बहुत ही खराब एक्पीरियंस (bad experience) है। 

यदि गर्भपात गर्भावस्था के 20 हफ्तों के अंदर 2 या फिर 2 से अधिक बार हो जाता है, तो ऐसे गर्भापात को रिकरेंट गर्भपात (recurrent miscarriage) की श्रेणी में गिना जाता है। सरल भाषा में समझने के लिए इसे इस तरह से समझा जा सकता है। कि यदि किसी स्त्री प्रेगनेंसी कंसीव करती है तो और 20 हफ्ते के अंदर ही उसका हर बार मिसकैरेज हो जाता है। अब गर्भपात का कारण कुछ भी हो तो ऐसे गर्भपात को recurrent miscarriage कहते है। 

 

क्या भारतीय महिलाओं में बार-बार गर्भपात का खतरा ज्यादा होता है ? Are Indian women more prone to recurrent miscarriage?

वर्ष 2015 में भारतीय महिलाओं पर कीे गए सर्वे को नाम था जर्नल ऑफ ऑब्स्ट्रेटिक्स एंड गायनेकोलॉजी ऑफ इंडिया (Journal of Obstetrics and Gynecology of India) । इस सर्वे का संबंध भारत की महिलाओं के गर्भपात से था। जर्नल ऑफ ऑब्स्ट्रेटिक्स एंड गायनेकोलॉजी ऑफ इंडिया के रिसर्च से पता चला कि बाहरी देश की महिलाओं के बदले भारतीय महिलाओं को गर्भपात की समस्या अधिक होती है। इस शोध में यह भी पता चला कि गर्भपात में उम्र, रक्त से जुड़ी बीमारियाँ, रोगप्रतिरोधक क्षमता (immunity) एक खास भूमिका निभाते है। इस सर्वे से एक और निष्कर्ष यह भी निकला कि यदि किसी भी महिला का एक बार गर्भपात हो जाता है तो दूसरी बार होने की 28 प्रतिशत और तीसरी बार होने की 43 प्रतिशत तक संभावना बढ़ जाती है। 

 

बार-बार गर्भपात होने के कारण - 

महिलाओं में गर्भपात होने के ऐसे बहुत से कारण हो सकते है। जो इस समस्या को पैदा करते है। 

  1. गर्भावस्था में प्रोपर हेल्दी और बैलेंस डाइट का न मिल पाता ।
  2. अधिक मिर्च मसाले वाले फूड्स का सेवन करना । 
  3. पिज्जा, फास्ट फूड्स, जंक फूड्स का अधिक सेवन ।
  4. पेट में किसी कारण चोट लगना या फिर अधिक व्यायाम भी गर्भपात का कारण बन सकता है। 
  5. ज्यादा भागदौड और अधिक तनाव लेने से गर्भपात की समस्या हो सकती है। 
  6. अधिक धूम्रपान का सेवन करना और नशीले दवाए खाना। 

 

गर्भपात की समस्या को रोकने के उपचार - Treatments of miscarriage problem  -

गर्भपात एक ऐसी समस्या है जिसे कोई भी मां जो अपने बच्चों से प्यार करती है, बर्दाश्त नहीं कर सकती। गर्भपात होने के बाद महिला के शरीर में कुछ बदलाव होते हैं। कई ऐसे बदलावों से अब तक महिलाएं  अनजान हैं। आज की इस भागदौड़ वाली जिन्दगी में महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती है और ऐसे में उन्हें कई सारी स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती है, खासकर प्रेगनेंसी से दौरान। 

 

  1. यदि गर्भपात के बाद आपको बुखार होता है, तो आपके संक्रमण का खतरा बहुत अधिक होता है। 
  2. बेहतर है कि कुछ समय के लिए संबंध बनाने से परहेज करें। कुछ महिलाओं में, गर्भपात के कुछ दिनों बाद लक्षण फिर से प्रकट हो जाते हैं। ऐसे में तुरंत डॉक्टर को दिखाना जरूरी है।
  3. डॉक्टर की सलाह पर आपको टेस्ट जरुर करवाने चाहिए। जिससे इस बात का पता चल सके कि आखिर किसी कारण से बार-बार गर्भपात हो रहा है। 
  4. प्रतिदिन एक्सर्साइज करने के साथ-साथ बैलेंस और हेल्दी डाइट का ख्याल रखें। 
  5. तनाव को अपने जीवन में बिल्कुल भी न आने दें। 
  6. योग और ध्यान को अपनी लाइफस्टाइल में जगह दें। 
  7. धूम्रपान से पूरी तरह से दूरी बना लें और यदि आप नही करती है तो ये बहुत अच्छी बात है। 
  8. रेडिएशन से बचें क्योंकि ये आपकी प्रेगनेंसी को प्रभावित कर सकता है। 
  9. रिक्स वाले खेलों से दूर रहें और अपने ख्याल का पूरा ख्याल रहें । 
  10. वजन उठाने से बचें और इसके लिए अपने डॉक्टर से जरुर सलाह लें। 

 

इन सभी बातों को ध्यान रखते हुए आपके लिए आयुर्वेद एक अच्छा विकल्प है, क्योंकि इसमें न तो किसी प्रकार को कोई साइड इफैक्ट है । और यह आपके स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभकारी सिद्ध होता है। आयुर्वेद में कई सारी जड़ी बुटियों के संयोजन से और महिला के शरीर की प्रकृति को ध्यान में रखते हुई आयुर्वेदिक चिकित्सा बार-बार गर्भपात की समस्या से हमेशा के लिए छुट्टी दिला सकती है।