बाँझपन क्या होता हैं? और इसके क्या-क्या कारण होते हैं|

औरत होने की पूर्णता तभी प्राप्त होती है । जब वह मां बन जाती है । हर औरत को अपना प्रतिबिंब अपने बच्चे में दिखता है पर जब किन्हीं कारणों से वह मां नहीं बन पाती तो उसकी त्रासदी को शब्दों में व्यक्त करना संभव नहीं है । साधारण शब्दों में जब पति पत्नी लगातार दो साल तक बिना गर्भनिरोधक का इस्तेमाल किए बच्चा पैदा करने में असफल होने पर फर्टिलिटी ( Fertility ) की प्रॉब्लम हो सकती हैं । ऐसे में आम बोलचाल की भाषा में उसे बांझपन (Fertility ) कहा जाता है । बांझपन स्त्री और पुरुष दोनों में ही हो सकता है ।

 

बांझपन के मुख्य कारण इस प्रकार है :-

 

 

बड़ी उम्र में शादी -

ज्यादा उम्र में शादी करने पर शरीर में बहुत से हारमोंस की कमी आ जाती है और शरीर में स्वस्थता का अभाव हो जाता है। और बच्चा पैदा करने के लिए स्त्री और पुरूष दोनों का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है । इन्हीं सब कारणों के चलते बहुत बार बांझपन की औरतें शिकार हो जाती है ।

 

मासिक धर्म में गड़बड़ी 

बच्चा पैदा करने के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है मासिक धर्म का समय पर आना । मासिकचक्र अनियंत्रित होने पर गर्भधारण में प्रॉब्लम आती है ।

 

पुरुषों में शुक्राणुओं की कमी

पुरुषों के शुक्राणुओं की संख्या में आर कमी है या वो ज्यादा देर सक्रिय नही रह पाते हो तो इन कारणों में गर्भधारण नही हो सकता ।

 

स्त्रियों में डिम्बग्रंथि की गड़बड़ी

 डिम्बग्रंथि के अवरुद्ध होने पर बांझपन का शिकार औरतें हो जाती है। स्वस्थ डिम्ब व स्वस्थ शुक्राणुओं से ही गर्भधारण होता है ।

 

गर्भाशय (Uterus) में सिस्ट या फाइब्रॉयड 

अगर गर्भाशय में किसी भी तरह का  सिस्ट या फाइब्रॉएड है तो ऐसी स्थिति में माँ बनना सम्भव नहीं हो पाता । इसके अलावा ओवरी सिंड्रोम, खून की कमी आदि कई ऐसी बीमारियां है जो हमे देखने मे तो छोटी लगती है पर बच्चा पैदा करने के लिए यही सब समस्याएं बड़ी बन जाती है ।

 

थायराइड

थाइराइड होने से शरीर मोटा हो जाता है या फिर बहुत पतला इन दोनों ही समस्या में गर्भधारण में दिक्कत आती है ।

 

अत्यधिक नशीली चीजों का सेवन

 शराब या दूसरी कोई भी नशीली चीजों के ज्यादा सेवन से प्रजनन क्षमता में कमी हो जाती है और शरीर में बांझपन की समस्या शुरू हो जाती है ।

 

बंद फ़ॉलोपियन ट्यूब -

फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube) के बंद होने पर पुरूष शुक्राणु और महिला  अंडे के मिलने का मार्ग अवरुद्ध हो जाता है और ऐसी स्थिति में गर्भधारण नहीं हो पाता है ।

आयुर्वेद में बांझपन का इलाज आयुर्वेद ( infertility treatment in ayureda )

 

आयुर्वेद में बांझपन का इलाज आयुर्वेद ( infertility treatment in ayureda ) में आयुर्वेद में हर बीमारी की जड़ को पकड़कर उसका इलाज किया जाता है आयुर्वेदिक इलाज में थोड़ा समय जरूर लगता है पर उचित खान-पान का ध्यान रखते हुए अगर नियमित औषधियों का सेवन किया जाए तो सफलता जरूर मिलती है। और सबसे बड़ी बात आयुर्वेदिक दवाइयों से शरीर में कोई भी नुकसान नहीं पहुंचता है ।

 

संवेदनम - आयुर्वेद में इस क्रिया में मरीज को ढेर सारा पानी पिलाया जाता है ताकि पेशाब और पसीने के माध्यम से शरीर के विषाक्त और दोष युक्त पदार्थ  बाहर निकल जाए और यह क्रिया बार-बार दोहरायी जाती है । इस प्रक्रिया से शरीर में पानी की कमी भी पूरी हो जाती है और शरीर निरोग कर प्रजनन क्रिया के लिए अधिक सक्रिय हो जाता है ।

 

वामनम थेरेपी - इसमें मरीज को उल्टी आने की औषधि दी जाती और खूब सारा पानी भी पिलाया जाता है । बार बार उल्टी आने पर पेट का सारा जमा हुआ वात, पित और विषाक्तता वाला पदार्थ बाहर आ जाता हैं और यह क्रिया  गर्भधारण में सहायक बनती है । इसके अलावा आयुर्वेदिक संस्था दिल्ली में पंचकर्मा विधि को अपनाया जाता है । इस विधि में पांच क्रियाओं द्वारा चिकित्सक की देखरेख में कार्य पूर्ण किया जाता है ।आइए जानते हैं पंचकर्मा विधि से कैसे होता है इलाज पंचकर्मा यानी कि पांच क्रियायें ---

 

उल्टी - इस क्रिया में मरीज को उल्टी आने की दवा दी जाती है ताकि उल्टी के माध्यम से शरीर में जमा तला हुआ भोजन विषाक्त पदार्थ एसिडिटी जो भी विषाक्तता से पूर्ण पदार्थ है वो सब बाहर निकल जाता है ।

 

विरेचन - (मल के द्वारा) आजकल फास्ट फूड तली चीजें  ही ज्यादा हर इंसान खाता है । और वह शरीर के अंदर जाकर विषाक्त बन जाता है विरेचन के द्वारा पेट का जमा हुआ सारा कचरा बाहर निकाल जाता है ।

 

नस्य - इस क्रिया में मस्तिष्क में जमा वात, पित और कफ़ को नाक में दवाई डाल कर बाहर निकाला जाता है जिससे मस्तिष्क प्रजनन के लिए तैयार होता है ।

 

 

अनुवासन वस्ती - इसमें में मरीज को भरपूर पौष्टिक आहार दिया जाता है विटामिन युक्त पदार्थ खाने से शरीर एकदम स्वस्थ बन जाता है और प्रजनन के लिए बिल्कुल तैयार हो जाता है ।

 

 

 रक्त मोक्षण (खून की शुद्धि ) - इस क्रिया में हरी सब्जियां ,फल ,फ्रूट के माध्यम से शरीर में खून की शुद्धि की जाती है वह खून की कमी को पूरा किया जाता है ताकि स्वस्थ गर्भधारण हो सके।

 

 

योग - आयुर्वेद के अनुसार योग साधना के द्वारा बन्द फैलोपियन ट्यूब (fallopian tube ) को खोला जाता है नियमित योगासन से व आयुर्वेदिक औषधियों के सेवन से कुछ ही दिनों में बन्द फ़ॉलोपियन ट्यूब खुल जाती है ।

 

फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज होने पर आयुर्वेदिक उपचार ( fallopian tube blockage treatment in ayurveda )

 

फैलोपियन ट्यूब बन्द होने पर बिना किसी ऑपरेशन से आयुर्वेदिक औषधि से इलाज किया जाता हैं । जैसे हल्दी, अदरक एवं अशोक की छाल जैसी औषधियो के प्रयोग से ट्रीटमेंट किया है । वही पंचकर्मा चिकित्सा पद्धति से भी उपचार किया जाता हैं ।

 

आयुर्वेद उपचार के डॉक्टर एवं लागत (ayurvedic doctor and treatment with high success rate in delhi )

 

आयुर्वेद चिकित्सा में अलग अलग लागत हैं जो रोग की गम्भीरता पर निर्भर करती हैं । बात करे दिल्ली में तो करीब पैंतीस हजार से सत्तर हजार तक खर्च हो सकता हैं । जहां तक बात करे डॉक्टर्स की तो आशा आयुर्वेदा सेंटर दिल्ली एक तेज़ी से उभरता हुआ सेंटर बेस्ट विकल्प है । जहां पर बाझपन सहित सभी प्रकार के रोगों  का इलाज किया जाता हैं ।

 

Watch Video - आयुर्वेदा दिला सकता है आपको बाँझपन से छुटकारा - Ayurvedic Treatment For Infertility

 

infertility treatment in ayurveda

 

Also, Read in English - Infertility Treatment in Ayurveda in English