Female infertility treatment in Lucknow

महिला नि:संतानता का इलाज इन लखनऊ – Infertility Treatment in Lucknow

गृहस्थ जीवन में प्रवेश करते ही महिला-पुरुष दोनों को ही एक औलाद होने की जिज्ञासा होती है। इस क्षण की प्रतीक्षा में एक दंपति के एक दो साल निकल जाते हैं, लेकिन संतान की प्राप्ति नहीं होती है। नि:संतान होना किसी भी दंपति के लिए कष्टदायक होता है। इस दुख के कारण एक महिला को सबसे ज्यादा दुख होता है और वह हर समय दुखी रहने लगती है। 

 

Infertility Treatment in Lucknow

जैसे जैसे शहरों में मेट्रो कल्चर बढ़ता जा रहा है वैसे-वैसे जीवनशैली बदलती जा रही है। ऐसे ही लखनऊ और यूपी के आसपास अन्य जिलों में निसंतानता की समस्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती चली जा रही है। पिछले कुछ सालों में लखनऊ में निसंतानता का इलाज (Infertility Treatment in Lucknow) करवाने के लिए महिलाओं की संख्या बढ़ गई है। 

Read More : बेस्ट क्लिनिक फॉर फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज

कुछ मामलों में हम पहले ही जानते हैं कि किसी भी बीमारी का इलाज तभी संभव है, जब हमें कारणों का पता हो, उसी तरह ठीक निसंतानता कि समस्या के इलाज के लिए सबसे पहले जांच करना जरूरी है, जिससे हमें कारण का पता चले। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको लखनऊ में निसंतानता का इलाज (infertility treatment in Lucknow) के विकल्पों के बारे में बताएंगे।

 

महिला निसंतानता क्या है?

Female Infertility एक जटिल समस्या है जो लगभग दुनियाभर की महिलाओं को प्रभावित करती है। अगर एक साल या उससे अधिक समय तक पुरुष साथी के साथ नियमित और असुरक्षित यौन संबंध बनाने के बावजूद एक महिला की गर्भधारण करने में असमर्थता को Female Infertility कहा जाता है। उम्र, हार्मोनल असंतुलन, असामान्य मासिक धर्म चक्र, अंडे पैदा करने में असमर्थता, शारीरिक समस्याएं और जीवनशैली विकल्प सहित विभिन्न कारक महिलाओं में बांझपन का कारण बन सकते हैं। 

 

महिला निसंतानता के कारण

महिला निसंतानता के कारणों (Causes of Female Infertility) में शामिल हैं:- 

1.ट्यूबल ब्लॉकेज (Tubal Blockage) महिला बांझपन के संभावित कारणों में से एक है। एक महिला के प्रजनन प्रणाली में फैलोपियन ट्यूब गर्भधारण करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि इसी ट्यूब में ही अंडे और शुक्राणु मिलकर निषेचन की प्रक्रिया होती हैं। बंद यानि ब्लॉक फैलोपियन ट्यूब के कारण निषेचन की प्रक्रिया में बाधा आ जाती है, जिससे एक महिला मां बनने के सुख से वंचित रहती है।

2.उम्र महिला निसंतानता का सबसेआम कारणों में से एक है। जैसे-जैसे महिलाओं की उम्र बढ़ती है, उनकी प्रजनन क्षमता कम हो जाती है और उनके गर्भवती होने की संभावना कम हो जाती है। महिलाएं एक निश्चित संख्या में अंडों के साथ पैदा होती हैं और जैसे-जैसे उनकी उम्र बढ़ती है, उनके अंडों की गुणवत्ता और मात्रा (Egg Quality and Quantity) कम होती जाती है। जिसे Low Amh के नाम से जाना जाता है। आज के समय में 30 वर्ष से 40 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाओं में उनके कम डिम्बग्रंथि रिजर्व के कारण निसंतानता का खतरा बढ़ जाता है।

3. हार्मोनल असंतुलन (Hormone Imbalance) भी महिला बांझपन का कारण बन सकता है। जैसे की पीसीओडी और पीसीओएस के कारण अनियमित मासिक धर्म का कारण बन सकते हैं और ओव्यूलेशन को रोक सकते हैं, जिससे निसंतानता की समस्या हो सकती है। अन्य हार्मोनल असंतुलन, जैसे थायराइड समस्याएं और उच्च प्रोलैक्टिन स्तर, भी एक महिला की प्रजनन क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं।

4. एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis in Hindi) की समस्या में गर्भाशय के ऊतक बाहर बढ़ने लगता है, जो लगभग एक तिहाई महिलाओं में निसंतानता का कारण बनता है। समय पर निदान न करवाने से यह श्रोणि क्षेत्र (pelvic area), गर्भाशय, फैलोपियन ट्यूब, अंडाशय और अन्य क्षेत्र में हो जाते है।

5. संक्रमण (Infection) की वजह से भी महिला निसंतानता का शिकार हो जाती है। जैसे की पीआईडी (PID), एसटीडी (STD), वैजाइनल संक्रमण (Vaginal Infection), यूटीआई (UTI), गर्भाशय टीबी (Uterine TB) और अन्य संक्रमण शामिल हो सकते है। 

6. मिसकैरेज (Miscarriage) होने के कारण भी महिला गर्भधारण नहीं कर पाती है। एक बार या फिर बार बार मिसकैरेज (Recurrent Miscarriage) होने के कारण महिला निसंतानता का शिकार हो सकती है।  

7. ट्यूब में पानी भरना यानी हाइड्रोसाल्पिनक्स (Hydrosalpinx) के कारण भी महिला निसंतानता की समस्या से जूझ सकती है। 

8. अन्य कई विकार भी एक महिला की फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकते हैं जैसे रसौली या यूटेराइन फाइब्रॉएड (Uterine Fibroid), ऑटोइम्यून डिसऑर्डर, खून की कमी, Ovarian Cyst, असामान्य पीरियड्स होना, गर्भाशय का असामान्य आकार आदि शामिल होना।

 

महिला निसंतानता का उपचार- Female infertility treatment in Lucknow

लखनऊ में निसंतानता का इलाज करने के लिए बहुत से क्लिनिक उपलब्ध है, लेकिन सवाल यह है कि निसंतानता के इलाज के लिए कौन-सा क्लिनिक विकल्प चुने जिससे सही परिणाम मिल सकें। लखनऊ में निसंतानता के इलाज के लिए ज्यादातर लोगों को सर्जरी या आईवीएफ करवाने की सलाह दी जाती है।  

संतान न होने की परेशानी से जूझ रही महिलाओं का इलाज अब आशा आयुर्वेदा लखनऊ के क्लिनिक में हो सकेगा। यहां हर महीने 40 से 50 महिलाओं की सूनी कोख को आयुर्वेद के माध्यम से भरा जाता है। यहां बिना सर्जरी के आयुर्वेदिक औषधियों और पंचकर्म के माध्यम से महिला निसंतानता का इलाज किया जाता है। आइए देखें कि महिलाओं में प्रजनन समस्याओं के लिए पंचकर्म उपचार कैसे किया जाता हैं।

 

दोषों का निदान करना: इस प्रक्रिया में आयुर्वेदिक चिकित्सा सबसे पहले रोगी के इतिहास को जानेंगे और लक्षण के आधार पर दोषों का पता लगाया जाता है। 

  1. वात: वात को संतुलित करने के लिए एक सौम्य सफाई के बारे में विचार करें। अगर आप लंबे समय के बाद खुद को चक्कर या कमजोरी महसूस करते हैं, तो अधिक कैलोरी जोड़ें – अधिक घी, जड़ वाली सब्जियां और आवश्यकतानुसार बार-बार भोजन के साथ।
  1. पित्त: अगर आपके पास अतिरिक्त पित्त है, तो रक्त को साफ करने में मदद के लिए रक्त शुद्धि (प्रति दिन दो गोलियाँ) पर दृढ़ता से विचार करें, जो गर्भावस्था के लिए एक प्राथमिक पोषक प्रणाली है।
  1. कफ: ऊतकों में अतिरिक्त कफ संचय और घनत्व के साथ, महिलाओं के लिए कांचनार गुग्गुलु की प्रतिदिन एक गोली एक अच्छा पूरक हो सकता है।
  2.  

पंचकर्म थेरेपी: पंचकर्म एक विषहरण और कायाकल्प चिकित्सा है और यह निसंतानता में मदद कर सकता है जब तक कि निसंतानता का कारण कुछ जैविक जटिलता न हो जिसे सर्जरी के बिना ठीक नहीं किया जा सकता है।

  1. वमन: वमन कर्म पंचकर्म के पहले प्रधान कर्मों में से एक है, जिसका उपयोग मुख्य रूप से कफ विकार में किया जाता है। इस विधि को चिकित्सीय उल्टी के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें मौखिक मार्ग के माध्यम से खराब दोषों को बाहर निकालना शामिल है।
  2. विरेचन: इस प्रक्रिया में या तो शुद्ध घी या विशेष रूप से तैयार औषधीय घी का सेवन करके कई दिनों तक आंतरिक रूप से मलत्याग किया जाता है और उसके बाद हल्के हर्बल विरेचन का प्रयोग किया जाता है। विरेचन बढ़े हुए और संचित पित्त और कफ दोषों पर कार्य करता है।
  3. उत्तर बस्ती: उत्तर बस्ती एक ऐसी आयुर्वेदिक प्रक्रिया है जो वास्तव में महिलाओं के योनि और मूत्र पथ के माध्यम से प्रशासित एक प्रकार का पंचकर्म उपचार है। यह प्रक्रिया हर्बल काढ़े का उपयोग करती है जो विकार के उपचार के लिए आंतरिक अंगों को साफ और पोषण देती है।
  4. नस्य: नस्य महिला निसंतानता के इलाज के लिए सबसे अच्छा उपचार है जो मुख्य रूप से हार्मोनल असंतुलन के कारण उत्पन्न होता है। 
  5. रक्तमोक्षण: यहा पचकर्म की पांच शुद्धि प्रक्रियाओं में से एक है। यह शरीर से खराब खून को बाहर निकालता है। रक्त शरीर का जीवन है। अगर इसमें किसी भी तरह के विषाक्त पदार्थ पूरे शरीर में रक्त के माध्यम से संचार होता है और यहीं कारण है कि एक महिला बहुत सी बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
  6. योगा: आयुर्वेद के अनुसार, योग फर्टिलिटी बूस्ट करने में मदद करती है। फर्टिलिटी योग श्वास, विश्राम, पेल्विक मांसपेशियों को टोन और कामकाज में सुधार करता है, पेल्विक क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को बढ़ाता है।

इसके अलावा यहां पेशेंट के आहार और जीवनशैली पर भी ध्यान दिया जाता है। यहां से इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट लेने वाली महिलाओं की संख्या लाख से भी ज्यादा हैं। आशा आयुर्वेदा से इलाज लेने की खास बात यह है कि आईवीएफ के मुकाबले Ayurvedic Treatment for infertility की सफलता दर 90% से भी ज्यादा है। अगर आपको हमारा लेख पंसद आए तो कमेंट के माधय्म से हमें जरुर बताएं।

 

हमारी सेवाओं में PCOD/PCOS, ट्यूब ब्लॉकेज, पॉलीसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम, एंडोमेट्रिओसिस, low AMH, गर्भाशय फाइब्रॉएड, एंडोमेट्रियम, अनियमित पीरियड्स, रजोनिवृत्ति, हार्मोनल असंतुलन, IVF Failure, गर्भपात, यौन समस्या, हाइड्रोसालपिनक्स उपचार शामिल हैं। अधिक जानकारी के लिए हमें +91 9811773770 पर कॉल करें